सदाबहार के पौधों के फायदे जानकर चौक जाएंगे

 आज मैं आप लोगों को एक ऐसे पौधे से परिचित कराने जा रहा हूं जिसे अपने देश भारतवर्ष में शायद ही कोई नहीं जानता होगा। यदि आप बागवानी करते हैं पेड़-पौधों से प्यार करते हैं प्रकृति को मां के समान समझते हैं तो दोस्तों आप इस पौधे के बारे में जरूर जानते होंगे। आज हम जिस पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम सदाबहार है जो एक छोटा झाड़ी नुमा पौधा होता है। जो इस खूबसूरत से प्रकृति को और खूबसूरत सा बनाता है। साथ ही अपनी खुशबू से वातावरण को मोहक और दिल को सुकून दिलाता है।


 सदाबहार को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी में इसे सदाबहार कहते हैं, बंगाली में नयनतारा, गुजराती में बारहमासी और मराठी में सदा फूल के नाम से जानते हैं। सदाबहार एक अमेरिकन पौधा है और सारे भारतवर्ष में इस समय फैल चुका है। सदाबहार को घर के आंगन से लेकर मंदिर परिसरों में, स्कूलों में, गमलों में विशेष रूप से लगाया जाता है। यह पौधा 1 फीट से लेकर 4 फीट तक ऊंचा होता है और इस पौधे की विशेषताएं इसके कोमल टहनी या डंठल को आप कहीं पर भी लगाएं तो आप आसानी से लग जाता है।

 सदाबहार की कुल 8 प्रजातियां पाई जाती है इनमें से केवल दो ही प्रजाति भारतवर्ष में पाई जाती है और ज्यादातर प्रजाति अमेरिका में पाई जाती है और यह पौधा अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है तो ही साथ ही साथ यह कई रोगों को दूर करने में बहुत ही प्रसिद्ध हुआ है। इसका स्वाद आम तौर पर कड़वा होता है लेकिन यह बड़ी-बड़ी बीमारियों को दूर कर देता है इसके पत्तियों का आकार और अंडाकार होता है और इस पर जो फूल लगे होते हैं वे 5 पंखुड़ियों वाले होते हैं।

दोस्तों सदाबहार के औषधि गुण किसी चमत्कार से कम नहीं है और डायबिटीज के मरीजों के लिए ईश्वर का वरदान है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एंटीडायबिटीज का काम करता है। खून में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है। अगर आप इस पौधे को तोड़कर चबाएं, खाएं या फिर इसका रस निकालकर आप पिए तो डायबिटीज नियंत्रण में रहेगा। अगर आपको इसका पत्ता ताजा ना मिले तो हमें इसका पता सुखा करके, पीस करके इसका पाउडर बनाकर आप ले सकते हैं, इसके अलावा यदि आपको घाव हो गया है तो पत्तियों का रस निकालकर लगाया जाए तो घाव जल्दी भर जाता है।

 यदि आपको बिच्छू ने काट लिया है तो इसके पत्ते को पीसकर इसके रस को निकालकर करके जहां पर बिच्छू काटा है वहां पर लगाते हैं तो बिच्छू का जहर कम होने लगता है। साथ ही साथ चेहरे पर यदि दाग धब्बे मुंहासे हो गए हैं तो इसका रस निकालकर लगाया जाए तो चेहरा सुंदर बन जाता है, इसके अलावा इसके रस का सेवन करने से उच्च रक्तचाप जल्दी से नियंत्रण में आ जाता है।

 दोस्तों कैंसर के मरीजों के लिए भी यह सदाबहार का पौधा ईश्वर के वरदान से कम नहीं है इसके पत्तों में कैंसर रोधी तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर को बढ़ाने वाली कोशिकाओं को रोक देते हैं और कोशिकाओं को ठीक भी करने का काम करते हैं और साथ ही साथ यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं।



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