मधुमेह के कारण, प्रकार और लक्षण

जानिए क्या है यह बीमारी?

मधुमेह की शुरुआत तब होती है जब अग्न्याशय इंसुलिन बनाने में असमर्थ होता है। इसके अलावा अग्न्याशय द्वारा बनाए गए इंसुलिन का शरीर द्वारा ठीक से उपयोग नहीं किया जाता है, तो ऐसी समस्या होती है।


इंसुलिन क्या है? 

इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा निर्मित एक हार्मोन है। हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन में मौजूद ग्लूकोज तत्व रक्त के माध्यम से कोशिकाओं तक पहुंचता है, जिससे ऊर्जा बनती है। इंसुलिन कोशिकाओं तक ग्लूकोज पहुंचाने का काम करता है।

हाइपरग्लेसेमिया की स्थिति, 

जब इंसुलिन का उत्पादन या ठीक से उपयोग नहीं किया जाता है, तो रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है।  इसे हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है।  जब ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है, तो शरीर के अंगों और ऊतकों को नुकसान होता है।  गंभीर मामलों में, प्रमुख अंग काम करना बंद कर सकते हैं।

मधुमेह के प्रकार

टाइप 1 डायबिटीज 

ये बीमारी आमतौर पर बच्चों और किशोरों में अधिक देखने को मिलती है । मरीज में इंसुलिन बहुत कम बनता है या नहीं बनता है । ऐसे मरीजों को रक्त में ग्लूकोज का स्तर संतुलित रखने के लिए नियमित इंसुलिन की खुराक देनी पड़ती हैं । 

टाइप -2 डायबिटीज 

कुल मरीजों में 90 इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है । खाने वाली दवाओं के साथ इंसुलिन की मदद से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है । व्यायाम बहुत जरूरी है । 

जेस्टेशनल डायबिटीज 

गर्भावस्था में रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने की स्थिति को जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं । इससे मां - बच्चा दोनों प्रभावित होते हैं। आमतौर पर प्रसव बाद तकलीफ ठीक हो जाती हैं । बच्चे को टाइप -2 डायबिटीज होने की आशंका रहती है।

 लक्षण 

अधिक यूरिन होना , खासकर रात में बार - बार प्यास लगना , वजन कम होना , बहुत अधिक भूख लगना , धुंधला दिखना , हाथ या पैरों में कंपन होना , बहुत अधिक थकान महसूस करना , त्वचा रुखी रहना , घाव का न सूखना , बार - बार संक्रमण होना ।

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